
जब क्रिकेट के मैदान पर धुआंधार मुकाबला हो, और मैच के बाद दोनों देशों के कप्तान “दिल से खेलें”, तो समझिए असली जीत इंसानियत की होती है।
अली आग़ा का एलान: हम सब डोनर हैं!
फ़ाइनल हारने के बाद पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आग़ा ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में किया बड़ा ऐलान:
“हम पूरी टीम की मैच फ़ीस भारत के हमले में प्रभावित नागरिकों और बच्चों को डोनेट कर रहे हैं।”
किस मैच की फीस? ये क्लैरिटी अभी भी “अगली मीटिंग” में आने की उम्मीद है।
सोशल मीडिया पर यूज़र्स ने पूछा:
“सिर्फ फाइनल की या ग्रुप स्टेज की भी? या नेट प्रैक्टिस की भी?”
सूर्यकुमार यादव का रिटॉर्न गिफ्ट: देशभक्ति के नाम!
जीत के बाद भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने एक्स (Twitter) पर लिखा:
“मैंने टूर्नामेंट की अपनी पूरी मैच फ़ीस भारतीय सेना और पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ित परिवारों को डोनेट करने का फैसला किया है।”
“मैच भी जीता, दिल भी!” “और ट्रॉफी तो पहले ही BCCI ले गई!”
ड्रेसिंग रूम बने दानपात्र!
“Donation Diplomacy”
जहाँ दोनों कप्तान एक-दूसरे को मैदान में आउट करने के बाद, मानवता के मैदान में रन आउट नहीं हुए। “आख़िरकार, ये मैच किसी की Trophy से नहीं, किसी की Tandoori Fee से जीता गया!
भारत-पाकिस्तान मैच में ये पहली बार है जब चर्चा हैंडशेक या बाउंसर की नहीं, बल्कि दान और दिलदारी की हो रही है।
जहाँ मैदान पर तल्ख़ी थी, वहीं प्रेस कॉन्फ़्रेंस में नरमी।
सच में, ये मुक़ाबला ट्रॉफी से ज़्यादा ट्रस्ट का था।